दूध हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है और ये बात हम भलीभांति जानते है की दूध हर किसी को पसंद नहीं होता। अगर हम बात करें बच्चों की तो बच्चों के पास दूध न पीने के हजारों बहाने होते है। लेकिन दूध में छिपे हज़ारो गुणों के कारण दूध पीना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में दूध को संपूर्ण आहार बताया गया है। दूध का नियमित सेवन करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती है।
अगर आपके साथ भी यही परेशानी है तो आज हम आपको बताएंगे दूध पीने के अनमोल फायदे :-
आयुर्वेद में दूध को संपूर्ण आहार बताया गया है। दूध का नियमित सेवन करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती है। गाय, भैंस, बकरी, ऊँटनी या सोया का दूध आपके पौष्टिक आहार का अनिवार्य हिस्सा है।
गाय और भैंस का दूध :-
गाय का दूध कम वसा का होता है तथा ये आसानी से पच जाता है। वही दूसरी तरफ भैंस का दूध आपके शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है। भैंस के दूध का नियमित सेवन करने से आपका हृदय मजबूत होता है।
बकरी का दूध :-
अगर हम बात करे बकरी के दूध की तो इस थकान भरे जीवन में बकरी का दूध पुरषो के लिए एक रामबाण इलाज है। दूध को बिना उबाले इसमें 7 से 8 खजूर डालकर रातभर छोड़ दें और सुबह-सुबह खजूर और दूध दोनों का सेवन करे। ये पुरषो में स्टेमिना बढ़ाने का काम करता है। ये पुरषो में यौन शक्ति बढ़ाने के साथ साथ इम्युन पावर को भी बढ़ाता है, जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है।
ऊंटनी का दूध :-
ऊंटनी का दूध डायबिटीज रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। ऊंटनी के एक लीटर दूध में 52 यूनिट इंसुलिन पाई जाती है। जो कि अन्य पशुओं के दूध में पाई जाने वाली इंसुलिन से काफी अधिक है। इंसुलिन शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसका सेवन करने से सालों का मधुमेह महीनों में ठीक हो जाता है।
सही समय, सही मात्रा में दूध पीने से बनती है सेहत :-
दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, विटामिन-ए, बी-12, डी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। दूध का सेवन किसी भी वक्त किया जा सकता है।
बच्चों, गर्भवती ओर स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद है। दूध शरीर में पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है। नाश्ता करने व रात में खाने के एक से दो घंटे बाद दूध का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है। गाय के दूध की अपेक्षा भैंस के दूध में वसा की मात्रा ज्यादा होती है। गाय के दूध की शुद्धता ज्यादा होती है।
इन चीज़ों में दूध का मिश्रण करने से होता है ज्यादा फायदा : –
हल्दी :-
हल्दी में विटामिन ए, प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट, एंटीबैक्टीरियल व एंटीसेप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये कॉम्बिनेशन दर्द निवारक की तरह काम करता है।
ऐसे बनाएं :-
250 मि.ली. दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी, चीनी डालकर उबालें । दिन में इसका सेवन एक बार जरूर करे।
फायदे :-
पुराने जुकाम, खांसी, गले में एलर्जी, चोट का दर्द, सूजन, यूरीन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
सावधानी – डायबिटीज के रोगी बिना चीनी डाले दूध में हल्दी मिलाकर लें।
केला :-
कैलशियम, मैग्रीशियम युक्त केला साथ लेने से शरीर मजबूत बनता है।
कैसे बनाये :-
250 मि.ली. दूध में एक केला डालकर ठीक से उबाल कर पीएं।
फायदे :-
कमजोरी दूर करता है, हड्डियों व मासपेशियों को मजबूत बनाता है।
सावधानी– कब्ज, अधिक कॉलेस्ट्रोल और कफ की समस्या वाले रोगी न ले।
बादाम :-
इसमें विटामिन, बी12, ई, फाइबर, प्रोटीन, कैलशियम, पोटैशियम, मैग्रीन, मैग्नीशियम पाया जाता है। दूध के साथ लेने से इसका फायदा दोगुना हो जाता है ।
कैसे बनाएं :-
250 मि.ली. दूध में 6 बादाम ( बारीक पिसे) व चीनी के साथ इलाईची डालकर पी सकते हैं।
फायदे :-
शरीर की कमजोरियों को दूर कर मांसपेशियों, याददाश्त में सुधार, आंखों व सूखी खांसी में लाभकारी है।
सावधानी – दस्त, भूक न लगने पर इसे न लें, नुकसानदायक हो सकता है।
इन चीजों से करें परहेज :-
1. कभी भी नमकीन वह खट्टी चीजों के साथ दूध न लें।
2. मोली से बनी चीजों को खाने के तुरंत बाद दूध का सेवन न करे।
3. खाने के 2 घंटे पहले दूध पीने से त्वचा संबंधी रोग होते हैं।
फैंट-फ्री दूध डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व हृदय संबंधी मरीजों के लिए बेहतर है। वजन घटाने में मददगार है।
रात में खाने के 2 घंटे बाद गुनगुना दूध पिएं। एसिडिटी की समस्या है तो सामान्य तापमान का दूध पिएं। कफ की दिक्कत है तो अदरक डालकर उबालकर पीएं।
कच्चे दूध का सेवन न करे :-
आयुर्वेद के अनुसार कच्चे दूध से चर्म रोग, एलर्जी व उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती है। दूध को उबालकर पीएं। इससे दूध ज्यादा सुपाच्य हो जाता है। सुखी खांसी, बुखार, मलेरिया, निमोनिया, बवासीर, मानसिक रोग, जोड़ों के दर्द में मरीज को दूध लेने चाहिए।
पर्याप्त मात्रा में करें दूध का सेवन :-
सामान्यतः बच्चे से लेकर बड़े 250 मिली. से 500 मिली. दूध 1 दिन में पी सकते हैं लेकिन यह व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उम्र पर निर्भर करता है कि उसे कितनी मात्रा में दूध की जरूरत है। इसलिए विशेषज्ञ की राय जरूरी है।
लेक्टोज की परेशानी है तो दूध का सेवन न करे :-
कुछ लोगों को दूध व उससे बने उत्पाद खाने-पीने से पेट दर्द, पेट फूलना या उल्टी दस्त की समस्या हो जाती है। इससे मेडिकल भाषा में लैक्टोज इंटॉलरेस यानी दूध न पचना कहते है। लैक्टोज एक तत्व है जो दूध में प्राकृतिक शुगर की तरह होता है। इसके न पचने से समस्या होती है। देश में 4% बच्चे व एक फीसदी वयस्क पीड़ित है। कुकीज व केक में कम मात्रा में लैक्टोज होता है। ब्रेड, बिस्कुट, सूप, केंडी स्वीट्स, बेक्डफूड में भी लैक्टोज होता हैं।
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