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थायराइड के लिए कौन से फल हैं सबसे अच्छे? जानिए यहाँ

थायराइड क्या है? (What is Thyroid)

थायराइड हमारे गर्दन और गले में एक तितली जैसी आकार में पाई जाने वाली ग्रंथि है जिसे Thyroid gland या अवटु ग्रंथि कहा जाता है। थायराइड ग्रंथि द्वारा Triiodothyronine और Thyrocalcitonin नामक हार्मोन्स का स्त्राव किया जाता है, जो हमारे शरीर में आहार के रूप में लिए गए भोजन को ऊर्जा में बदलता है, और हमारे शरीर के विकास तंत्रो को भी प्रभावित करता है। यह हार्मोन्स मनुष्य के रक्तचाप और हृदयगति को नियंत्रित रखता है, तथा अधिक चीनी और कोलेस्ट्रॉल से होने वाली बीमारियों से भी बचाता है।

थायराइड रोग के प्रकार (Types of Thyroid diseases)

हाइपरथाइरॉयडिज़्म

इससे प्रभावित व्यक्ति की थायराइड ग्रंथि अपने कार्य को तेजी से करने लगती है, जिससे T3 और T4 हार्मोन्स का उत्पादन भी अधिक मात्रा में होने के कारण शरीर मैं मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है, और शरीर हमारे अंदर मौजूद ऊर्जा का उपयोग भी ज्यादा मात्रा में करने लगता है जिससे निम्न लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं-

जैसे चिड़चिड़ापन, घबराहट, नींद ना आना, अधिक पसीना आना, वजन कम होना तथा महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता एवं हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा तेजी से खत्म होने लगती है ,जो आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस हो जाता है।

हाइपोथाइरॉएडिज्म

इस रोग में T3 और T4 हारमोंस की कम उत्पादन के कारण शरीर में चयापचय की प्रक्रिया धीरे हो जाती है जिससे अनेक तरह के लक्षण उत्पन्न होते हैं।

जैसे- डिप्रेशन, हमेशा थका हुआ महसूस करना, त्वचा में सूखापन और खुजली होना,  कब्ज,  चेहरे और आंखों में सूजन, महिलाओं में मासिक धर्म देरी से आना।

प्राकृतिक उपचार के महत्व पर जोर

थायराइड रोग आज एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करने के साथ विभिन्न रोगों को उत्पन्न कर देती है।

इस रोग के इलाज में प्राकृतिक उपचार तथा स्वस्थ खान-पान का बहुत अधिक महत्व है।

प्राकृतिक उपचार में फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स, थायराइड ग्रंथि के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे थायराइड हार्मोन के उत्पादन को संतुलित रखने में मदद मिलती है।

थायराइड के इलाज में लाभकारी फल

सेब (Apple)

सेब में विटामिन मिनरल और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कई गंभीर बीमारियों के खतरे से बचाता है।

यह थायराइड के मरीजों के लिए वरदान की तरह है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा को बढ़ाकर थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ रखने में मदद करता है , यह बढ़े हुए वजन को कम करने, शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने के साथ शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों में बचाव तथा सुधार हो सकता है।

सेब का सेवन करने से थायराइड हार्मोन का उत्पादन संतुलित रहता है, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है।

अमरूद (Guava)

अमरूद में विटामिन C, विटामिन A और विटामिन E प्रचुर मात्रा में होता है,जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखता है, तथा थायराइड ग्रंथि को ठीक से काम करने में मदद करता है।

अमरूद में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन में मदद करता है। इसके अत्यधिक लाभ के लिए कच्चे अमरूद का सेवन फायदेमंद होता है।

इसमें मौजूद फाइबर शरीर के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक होता है, कोलेस्ट्रॉल को काम करता है तथा शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है।

अंजीर (Fig)

अंजीर फाइबर, विटामिन B6 और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।

इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और जिंक जैसे मिनरल पाए जाते हैं, जो थायराइड ग्रंथि के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिससे शरीर में थायराइड हार्मोस का स्तर संतुलित रहता है और शरीर में मेटाबॉलिज्म जैसी क्रियाएं सुचारू रूप से अपना काम कर पाती हैं।

भीगे हुए अंजीर का सेवन सूखे अंजीर की अपेक्षा लाभप्रद माना जाता है। यह हार्ट को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होता है तथा शरीर में शुगर लेवल को कम रखने के साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाने में फायदेमंद होता है। इससे पुरानी कब्ज भी दूर हो सकती है।

अनार (Pomegranate)

अनार में आयरन की मात्रा प्रचुर मात्रा में होती है, जो थायराइड हार्मोन के निष्क्रिय भाग को सक्रिय रूप में बदलने में मददगार होती है।

इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने के साथ रक्त परिसंचरण में सुधार करते हैं, तथा शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाते हैं।

यह बहुत समय से थायराइड समस्या से जूझ रहे व्यक्ति जिन्हें हृदय की समस्या रहती है, अध्ययन में पाया गया है कि इसमें मौजूद पालीफेनोलिक नामक यौगिक सीने में होने वाले दर्द की समस्या को काम करता है, तथा इसके रोज सेवन से अनार के बीजों में पाए जाने वाले फाइबर तथा कई तरह की लाभप्रद बैक्टीरिया से पाचन तंत्र में भी सुधार होता है।

संतरा (Orange)

संतरे में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा पाए जाते हैं, जो थायराइड ग्रंथि में होने वाले सूजन को काम करते हैं।

विटामिन C शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, जो शरीर में होने वाले इन्फेक्शन से बचाता है। इसके सेवन से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है, जो थायराइड के दीर्घकालिक प्रभाव से होने वाले हृदय रोग से बचाता है।

संतरा त्वचा में होने वाले नुकसान से बचाता है, तथा घावों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। यह थाइरॉएड फंक्शन को सुधारने के साथ-साथ हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखने में सहायक होता है।

बेरीज (Berries)

जामुन, स्ट्रॉबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो थायराइड ग्रंथि के संतुलन से होने वाले कोशिकाओं (Cells) की क्षति को ठीक करता है।

इसमें कैलोरी की मात्रा कम होने और पानी की मात्रा ज्यादा होने के कारण वजन कम करने में मददगार होता है।

यह डायबिटीज तथा हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है।इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण शरीर के पाचन तंत्र को भी सही रखता है।

फलों का सेवन कैसे करे

फलों का सेवन हम विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं जैसे हम इन्हें साबूत यानी सिर्फ अच्छे से साफ कर सीधे खा सकते हैं या फिर जूस या स्मूदि भी बना सकते हैं।

परंतु हमें यह भी ध्यान रखना है कि जो पोषक तत्व हमें उसे निम्न फल से चाहिए उसका सेवन कैसे करें कहीं वह जूस और इस मोदी में बदलने पर वह तत्व नष्ट या वेस्ट में तो नहीं जा रहा जैसे अगर हम जामुन का जूस निकलते हैं तो उसमें उसके बाकी हिस्से जिसमे फाइबर मौजूद है वह नष्ट हो जाता है इसलिए उसे सीधे सेवन करें।

फलों का सलाद- नाश्ते या खाने में विभिन्न फलों को मिलाकर सलाद बनाएं और ऐसा प्रतिदिन करें जिससे खाना पचाने में आसान होता है और पाचन तंत्र सही रहता है।

फलों का जूस- थाइरॉएड लेवल को सही स्तर पर रखने के लिए ताजे फलों के जूस का सेवन करें। इसके लिए अनार का जूस ज्यादा असरदार हो सकता है, इससे सूजन को कम करने तथा शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

फलों का नियमित सेवन करने से थायराइड जैसी समस्याओं से जल्दी ठीक हुआ जा सकता है। फलों में मौजूद विटामिन एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स थायराइड ग्रंथि को संतुलित रखने और शरीर में मेटाबॉलिज्म को सही रखने में मददगार होते हैं।

फलों का नियमित सेवन करने से थायराइड ग्रंथि में असंतुलन की वजह से पैदा हुए विकारों से निजात पाया जा सकता है।

फलों का सेवन न सिर्फ किसी एक बीमारी के लिए बल्कि आपके संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है।

संतुलित आहार प्रतिदिन व्यायाम और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने के लिए आहार के रूप में फलों का सेवन जरूर करें।

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